काशी विश्वनाथ धाम में मोरारी बापू की कथा
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आध्यात्मिक संत व कथावाचक मोरारी बापू ने कहा कि काशी में जितना प्रकाश है उतना प्रकाश कहीं और नहीं मिलेगा। सूर्य का संपूर्ण लक्षण काशी में है। तभी तो दुनिया की हर आध्यात्मिक धारा ने काशी को छुआ। नास्तिक हो चाहे विधर्मी हो हर कोई काशी आया, काशी आकर मंदिरों का ध्वंस भी किया लेकिन काशी की अजस्त्र धारा आज भी प्रवाहमान है। अब तो अच्छा समय आ गया है और हम अपने प्राचीन वैभव को फिर से हासिल करने की ओर अग्रसर हो चुके हैं।
सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में द्वादश ज्योतिर्लिंग पर रामकथा के दूसरे पड़ाव पर राम नाम की रसधार बहाते हुए बापू ने कहा कि काशी प्रकाशमय है और इसके उजालों को काल भी ग्रस नहीं कर सकता है। काशी जैसी शीतलता और मोहकता कहीं और नहीं मिल सकती है।
गोस्वामी तुलसी ने काशी को ज्ञान और मुक्ति की भूमि कहा है। राम नाम की महिमा बताते हुए बापू ने कहा कि राम महामंत्र का निरंतर जप व्यक्ति की दशा बदल सकता है। कथा से पूर्व मोरारी बापू ने बाबा काशी विश्वनाथ का अभिषेक संग दर्शन-पूजन किया। तत्पश्चात व्यास पीठ पर विराजे और श्रद्धालुओं से संवाद स्थापित करते हुए विश्वनाथ धाम निर्माण पर अगाध प्रसन्नता व्यक्त की।