जेल (सांकेतिक तस्वीर)
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प्राइवेट व्यक्तियों के नाम पर चेक जारी करके फर्जी तरीके से 3.76 करोड़ रुपये निकालकर हड़पने वाले यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (यूटीआई) के वाराणसी शाखा के तत्कालीन प्रबंधक ओपी लखीना और सहायक प्रबंधक दिग्विजय सिंह को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने दोनों दोषियों को सात-सात साल की कैद और जुर्माने से दंडित किया है। कोर्ट ने ओपी लखीना पर तीन लाख, जबकि दिग्विजय सिंह पर 3.75 लाख का जुर्माना लगाया है।
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कोर्ट में सीबीआई की ओर से बताया गया कि शिकायत मिलने पर सीबीआई ने 31 जुलाई 2002 को वाराणसी यूटीआई के तत्कालीन शाखा प्रबंधक ओपी लखीना समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। आरोप था कि दूसरे लोगों के नाम से जारी चेक के आधार पर फर्जी तरीके से 3.76 करोड़ रुपये निकालकर हड़प लिए गए हैं। सीबीआई ने विवेचना की और चार नवंबर 2004 को तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक और सहायक शाखा प्रबंधक को सजा सुनाई।