काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का हरियाली श्रृंगार
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काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का गुरुवार को हरियाली श्रृंगार हुआ। बाबा कालभैरव के राजशाही झांकी में उनके एक हाथ में कमंडल, एक हाथ में दंड, एक हाथ में खप्पर और एक हाथ में ब्रह्मा जी का शीश था। माला और आभूषणों से बाबा की झांकी सजाई गई। पूरा मंदिर परिसर में सजावट की गई।
अलसुबह पांच बजे बाबा कालभैरव के श्रृंगार के बाद मंदिर का पट भक्तों के दर्शन के लिए खोला गया। दोपहर में बाबा की शयन आरती के बाद मंदिर का पट बंद कर दिया गया। दोपहर 2:30 बजे मंदिर का पट फिर से दर्शन पूजन के लिए खोला गया। रात में बाबा को कारन, मोछी, बका, सेव, नमकीन और विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाया गया।
रात 12:00 बजे 1001 बातियों से आरती की जाएगी। देर रात तक काशी के कोतवाल के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई थी। मंदिर के महंत जितेंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि यह श्रृंगार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद में किया जाता है।