पीड़ित दानिश
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बरेली में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की ओर से आयोजित वीडीओ भर्ती परीक्षा में मुरादाबाद के अभ्यर्थी दानिश अली को रातभर थाने में बैठाने का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है। दरअसल, एक ही कमरे में दानिश नाम के दो अभ्यर्थी होने से गलतफहमी हुई। एक अभ्यर्थी को क्लीनचिट देने के बाद अब परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने दूसरे को लेकर जांच शुरू कर दी है।
वीडीओ भर्ती परीक्षा में सॉल्वरों की घुसपैठ रोकने के लिए आयोग ने निजी एजेंसी से करार किया था। इसके पीछे सोच थी कि हाईटेक सिस्टम में सॉल्वर सेंध नहीं लगा सकेंगे, बावजूद कई जगह सॉल्वरों ने घुसपैठ कर ली। भमोरा के बाबा रामदास महाविद्यालय में 26 जून को दूसरी पाली में परीक्षा दे रहे दानिश को एजेंसी के सॉफ्टवेयर ने संदिग्ध माना।
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दिल्ली से एजेंसी के अधिकारी अमितोष सिंह ने शाम 4:50 बजे कॉलेज के प्रधानाचार्य पंकज शर्मा को सूचना दी। बताया कि दानिश को परीक्षा के बाद रोक लिया जाए। शाम 5 बजे परीक्षा छूटते ही दानिश को रोक लिया गया। कॉलेज में मौजूद एजेंसी के कर्मचारियों ने दोबारा उसके अंगूठे, आंखों आदि को स्कैन किया लेकिन मिसमैच आने की वजह से दिल्ली से ही निर्देश मिला कि उसके खिलाफ रिपोर्ट करा दी जाए।
एजेंसी के लोग व प्रधानाचार्य दानिश को भमोरा थाने ले गए। वहां प्रधानाचार्य की ओर से रिपोर्ट करा दी गई। हालांकि उसे हवालात में नहीं रखा गया। उसके परिजनों को बुलाया गया। उन्होंने संबंधित दस्तावेज दिए। दूसरे दिन मंगलवार को स्थिति स्पष्ट होने पर उसे क्लीनचिट देकर छोड़ दिया गया।