अभिनेता विनोद खन्ना के बारे में फिल्मी दुनिया के लोग और उनके प्रशंसक तकरीबन वे सारी बातें जानते हैं जो सार्वजनिक रूप से यहां, वहां फिल्म पत्रिकाओं और उनके इंटरव्यू के जरिये उपलब्ध हैं, लेकिन उनके निजी जीवन की तमाम बातें ऐसी भी हैं जिन्हें बहुत सारे लोग नहीं जानते। जैसेकि निर्देशक प्रकाश मेहरा अपनी फिल्म ‘हाथ की सफाई’ की शूटिंग के दौरान जब हेमा मालिनी को जानबूझकर परेशान किया करते थे तो हेमा मालिनी को उस वक्त विनोद खन्ना ने ही सबसे ज्यादा नैतिक समर्थन दिया। या कि जब विनोद खन्ना ने राजनीति की तरफ कदम बढ़ाए और हेमा मालिनी से उनकी एक सभा में भाषण देने का अनुरोध किया तो हेमा मालिनी ने उनकी बात मान ली। और, ये सियासी भाषण ही हेमा मालिनी का राजनीति की तरफ उठाया पहला कदम बना।
विनोद खन्ना ने 1997 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली और लोकसभा का चुनाव पंजाब की गुरदासपुर सीट से लड़ा। वह इकलौते फिल्मी कलाकार हैं जो लोकसभा के लिए चार बार चुने गए। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह पर्यटन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री भी रहे। लेकिन, ये किस्सा तब का है जब विनोद खन्ना को अपनी एक रैली के लिए हेमा मालिनी की मदद की जरूरत पड़ी। हेमा मालिनी ने इस रैली का न्यौता मिलते ही हां तो कर दी लेकिन जैसे जैसे रैली की तारीख नजदीक आती गई, उनका तनाव बढ़ने लगा।
हेमा मालिनी रैली के कुछ दिन पहले अपने घर में कुछ बेचैन सी बैठी थीं कि उनकी मां जया चक्रवर्ती की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने बेटी से परेशानी का कारण पूछा तो बदले में हेमा मालिनी ने पूछ लिया कि विनोद की रैली में जाने की बात स्वीकार करके कहीं उन्होंने गलती तो नहीं कर दी। मां के समझाने पर हेमा का तनाव कम हुआ और वह इस रैली के जरिये अपनी सामाजिक यात्रा, जो बाद में राजनीतिक यात्रा में बदल गई, शुरू करने की बात मान गईं। लेकिन, अब भी सवाल ये था कि हेमा मालिनी वहां बोलेंगी क्या?
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि उस दिन हेमा मालिनी ने विनोद खन्ना की रैली में जो भाषण दिया, वह उन्हें उनकी मां जया चक्रवर्ती ने लिखकर दिया था। रैली के मंच पर पहुंचने तक हेमा मालिनी उस कागज को कसकर मुट्ठी में दबाए रहीं। उनकी धमनियों में खून की रफ्तार तेज थी और दिल जोर जोर से धड़क रहा था। और, फिर वह वक्त आया जब विनोद खन्ना ने मंच से हेमा मालिनी का परिचय रैली में मौजूद लोगों से कराया। हेमा मालिनी जैसे ही माइक के सामने आईं, पूरा मैदान ‘हेमा मालिनी जिंदाबाद’, ‘बसंती जिंदाबाद’ के नारों से गूंज उठा। हेमा मालिनी ने सबका अभिवादन किया। अपनी सांसें संयत की और माइक संभाला।
‘मुझे धरमजी ने भेजा है आप सबके बीच। मैं पंजाब की बहू हूं….!’ हेमा मालिनी के इतना कहते ही रैली में मौजूद हजारों की भीड़ ने तालियों की जोरदार गड़गड़ाहट से पूरा माहौल गुंजा दिया। रैली में मौजूद लोग बताते हैं कि काफी देर तक ये तालियां बजती रहीं। लेकिन, तालियों की इन गडगड़ाहट ने विनोद खन्ना की उस चुनाव में राह आसान कर दी। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी पहली बार खुली सभा में हेमा मालिनी को मिले इस स्नेह की बानगी देखी।