माटुस्ज मोरावीकी-अलेक्जेंडर लुकाशेंको
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बेलारूस के राष्ट्रपति ने पोलैंड के दावे को सिरे से नकार दिया है। हाल ही में पोलैंड ने दावा किया था कि वैगनर के भाड़े के 100 सैनिक पोलैंड और लिथुआनिया के बीच आ गए हैं। पोलैंड को इसी दावे को बेलारूसी राष्ट्रपति ने खारिज किया है।
जानिए, क्या बोले बेलारूसी राष्ट्रपति
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेलारूसी राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान जारी कर बताया कि राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको मंगलवार को पोलैंड के दावे का खंडन किया। दक्षिण-पश्चिमी ब्रेस्ट के कामेनेट्स जिले की एक यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने सुना कि पोलैंड का कहना है कि भाड़े के 100 सैनिक उनके यहां आ रही है। इससे पोलैंड घबरा गया है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। वैगनर ग्रुप के भाड़े के सैनिक यहां नहीं आए हैं और अगर वे यहां आएं भी हैं तो वे केवल ब्रेस्ट और ग्रोड्नो में पदस्थ ब्रिगेड को युद्ध का अनुभव देने के लिए यहां आए होंगे। मुझे अपने देश के सैन्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। क्योंकि जो सेना युद्ध ही नहीं करती, वह एक तरह से आधे हो जाते हैं। इसलिए वैगनर ग्रुप के कुछ सैनिक युद्ध के अनुभव साझा करने यहां आए हैं।
अब पढ़िए, पोलैंड के पीएम ने क्या लगाए थे आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, 29 जुलाई को पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोरावीकी ने दावा किया था कि रूसी भाड़े के सैनिक के 100 से अधिक सैनिक पोलैंड और लिथुआनिया के बीच एक पतली पट्टी की ओर आगे बढ़ रहे हैं। बता दें, इस पतली पट्टी के क्षेत्र को सुवाल्की गैप या सुवाल्की कॉरिडोर कहा जाता है। पीएम का कहना है कि सरकार को जानकारी मिली है कि भाड़े के सैनिक बेलारूस के पश्चिमी शहर ग्रोड्नो के पास गए थे, जो उनकी जमीन के करीब है। कहा जाता है कि रूस में किए गए असफल प्रयासों के बाद वैगनर सैनिक रूस में हैं। पीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पोलिश सीमा बलों पर दबाव डालने के लिए बेलारूस इस साल में अबतक 16 हजार बार प्रयास कर चुका है।