सांकेतिक तस्वीर Monsoon
– फोटो : अमर उजाला (फाइल)
विस्तार
वर्तमान में मानसून सुस्त पड़ा है। इस वजह से तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है और लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। मगर मौसम विशेषज्ञों ने फिर से मानसून के सक्रिय होने की संभावना जताई है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवात सक्रिय होगा, जिसके प्रभाव से फिर से मानसूनी गतिविधियां शुरू होंगी।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली में मानसून अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। हालांकि बीच-बीच में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से कुछ स्थानों पर हल्की बारिश बूंदाबांदी की गतिविधियां हो रही हैं।
रविवार को सक्रिय हुआ कमजोर पश्चिमी विक्षोभ भी आगे बढ़ रहा है। फिलहाल मानसून टर्फ रेखा उत्तर में हिमालय के तराई क्षेत्र में विराजमान है, जिस कारण संपूर्ण इलाके में मानसून गतिविधियों पर ब्रेक लगा हुआ है। इस कारण प्रदेश में दिन व रात का तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है।
आगे ऐसा रहेगा मौसम
पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के साथ ही फिर से उत्तरी पश्चिमी उष्ण आर्द्र हवाएं चलेंगी, जिससे तापमान में बढ़ोतरी होगी और आमजन को उमस भरी पसीने वाली गर्मी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इस दौरान बीच-बीच में हीट क्लाउड बनने से एक दो स्थानों पर बूंदाबांदी हो सकती है। 4 सितंबर को बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवात सक्रिय हो सकता है, जिसके कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है। इस वजह से मानसून टर्फ रेखा अपनी सामान्य स्थिति में पहुंच सकती हैं। इससे मैदानी राज्यों में एक बार फिर से नमी आनी शुरू हो जाएगी। इसके असर से 5 से 7 सितंबर के दौरान मानसून गतिविधियों की संभावना बन रही है। हालांकि हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली पर इसका आंशिक प्रभाव ही देखने को मिलेगा।
अभी तक मानसून की ये रहे हालात
जुलाई माह में प्रदेश में तीन जिलों हिसार, फतेहाबाद व जींद को छोड़कर बाकी सभी जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई थी। मगर, अगस्त महीने में अलनीनो पूरी तरह सक्रिय हो गया है, जिसने मानसून की रफ्तार को कमजोर कर दिया।
जिला बारिश
- अंबाला -सामान्य से 22 प्रतिशत ज्यादा
- भिवानी -सामान्य से 20 प्रतिशत कम
- चरखी दादरी -सामान्य से 9 प्रतिशत कम
- फरीदाबाद -सामान्य से 19 प्रतिशत ज्यादा
- फतेहाबाद -सामान्य से 35 प्रतिशत कम
- गुरुग्राम -सामान्य
- हिसार -सामान्य से 49 प्रतिशत कम
- झज्जर -सामान्य से 2 प्रतिशत कम
- जींद -सामान्य से 33 प्रतिशत कम
- कैथल -सामान्य से 3 प्रतिशत कम
- करनाल -सामान्य से 27 प्रतिशत ज्यादा
- कुरुक्षेत्र -सामान्य से 122 प्रतिशत ज्यादा
- महेंद्रगढ़ -सामान्य से 12 प्रतिशत ज्यादा
- नूंह -सामान्य से 20 प्रतिशत ज्यादा
- पलवल -सामान्य से 15 प्रतिशत कम
- पंचकूला -सामान्य से 38 प्रतिशत ज्यादा
- पानीपत -सामान्य से 37 प्रतिशत ज्यादा
- रेवाड़ी -सामान्य से 3 प्रतिशत कम
- रोहतक -सामान्य से 23 प्रतिशत कम
- सिरसा -सामान्य से 5 प्रतिशत ज्यादा
- सोनीपत -सामान्य से 32 प्रतिशत ज्यादा
- यमुनानगर -सामान्य से 45 प्रतिशत ज्यादा
नोट- बारिश का यह आंकड़ा 1 जून से 29 अगस्त तक का है।