सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
देश में मानसून दस्तक दे चुका है लेकिन इसका अभी खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो पूरे देश में जुलाई में मानसून सामान्य रहने की संभावना है और पूरे महीने तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जुलाई के दौरान पूरे देश में बारिश औसत ही रहेगी। वहीं जून में कम से कम 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम बारिश हुई, बिहार और केरल में सामान्य से 69 फीसदी और 60 फीसदी की भारी कमी दर्ज की गई।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में भी दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के पहले महीने जून में सामान्य से कम बारिश हुई। महापात्र ने कहा कि हाल के अधिकांश अल नीनो वर्षों के दौरान, जून में बारिश सामान्य सीमा के भीतर रही है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में से 16 में जब जून में बारिश सामान्य से कम थी, जुलाई में बारिश सामान्य दर्ज की गई है।
मौसम कार्यालय ने कहा कि जुलाई के दौरान, उत्तर पश्चिम और भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
क्या है अल नीनो?
अल नीनो सदर्न ऑसिलेशन (ईएनएसओ) का एक हिस्सा है, जो मौसम और समुद्र से संबंधित एक प्राकृतिक जलवायु घटना को बताता है। ईएनएसओ के दो चरण होते हैं- अल नीनो और ला नीना। अल नीनो का अर्थ स्पेनिश भाषा में ‘छोटा लड़का’ है और यह एक गर्म चरण है। वहीं, ला नीना का मतलब ‘छोटी लड़की’ होता है जो ठंड का चरण है।
प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना अल-नीनो कहलाती है। आसान भाषा में समझे तो समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव आते हैं उस समुद्री घटना को अल नीनो का नाम दिया गया है। इस बदलाव के कारण समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ज्यादा हो जाता है।