सांकेतिक तस्वीर
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जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र की मौत के बाद दस सदस्यीय जांच समिति ने विश्वविद्यालय के छात्रावास का दौरा किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि छात्र की मौत के अगले दिन ही आंतरिक सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी छात्रावास का दौरा किया है। छात्रावास के एक छात्र ने सीनियरों पर रैगिंग का आरोप लगाते हुए उन्हें मौत का जिम्मेदार माना है।
यह है पूरा मामला
जादवपुर विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग के डीन सुबेनॉय चक्रवर्ती ने एक साक्षात्कार में बताया कि मौत की जांच के लिए 10 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। घटना बुधवार रात करीब 12 बजे की है। दो मंजिला बालकनी से गिरने के कारण स्वर्णोदीप कुंडू की एक दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जानकारी मिलते ही छात्र के माता-पिता को सूचित किया था। मामले की जांच के बाद ही सच सामने आ पाएगा कि आखिर मौत का असल कारण क्या है। आंतरिक सात सदस्यीय समिति की अध्यक्षता सुबेनॉय चक्रवर्ती करेंगे। 15 दिन के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
सीनियरों पर रैगिंग के आरोप
मामले में एक अधिकारी का कहना है कि हाल ही में पहले वर्ष की कक्षाएं शुरू हुईं हैं। छात्रों ने मामले में सीनियर्स पर रैगिंग के आरोप लगाए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया कि मृतक को सीनियर परेशान कर रहे थे। बुधवार को करीब चार बार उसने अपनी मां को कॉल किया था। बुधवार रात नौ बजे मृतक ने अपनी मां को भी मृतक ने अपनी परेशानी के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद उसने अपना फोन बंद कर लिया था। टीम का कहना है कि हम मृतक के फोन के साथ उसके रूममेट के फोन भी खंगाल रहे हैं। पोस्टमोर्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है। अधिकारी ने आगे बताया कि कहना है कि मृतक काफी परेशान था, सीनियर उसे हमेशा गे (समलैंगिक) कहकर बुलाते थे। वह अपना फेसबुक अकाउंट भी डिएक्टिवेट कर चुका था। छात्रावास के एक छात्र ने मौत के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट कर सीनियर को मौत का असल जिम्मेदार माना है। छात्र ने आरोप लगाते हुए रैगिंग को मौत का असल कारण कहा है।
इलाज के दौरान तोड़ा दम
डीन ने आगे बताया कि बालकनी से गिरने के बाद कुंडू को उसके सहपाठी जादवपुर के केपीसी अस्पताल लेकर गए। यहां इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई। कुंडू पश्चिम बंगाल के नादिया जिले का रहने वाला था। वह विश्वविद्यालय के बंगाली विभाग के प्रथम वर्ष का छात्र था।