Women’s Equality Day 2023: कब और क्यों मनाते हैं महिला समानता दिवस? जानें इतिहास और महत्व

Women’s Equality Day 2023: कब और क्यों मनाते हैं महिला समानता दिवस? जानें इतिहास और महत्व



महिला समानता दिवस
– फोटो : amar ujala

विस्तार


Women’s Equality Day 2023: महिलाओं को कानूनी तौर पर पुरुषों के समान ही अधिकार मिले हैं, लेकिन समाज में उनकी स्थिति को लेकर असमानता है। लोगों के मन में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए दोहरी मानसिकता होती है।समाज में आज भी महिलाओं को पुरुषों के बराबर के अधिक नहीं मिलते हैं। हालांकि दुनियाभर में महिलाओं को समान अधिकार और स्थान दिलाए जाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। देश में लैंगिक समानता लाने का प्रयास करते हुए हाल ही में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने चार महिला सदस्यों (50 फीसदी) को उपाध्यक्षों के पैनम में नामित किया।

 

महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने और समाज में उनकी स्थिति मजबूत बनाने के उद्देश्य से हर साल महिला समानता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत तब हुई जब एक देश में महिलाओं को मतदान का अधिकार तक नहीं था। आइए जानते है कि महिला समानता के अधिकार की बात सबसे पहले किस देश में हुई और कब मनाया जाता है महिला समानता दिवस।

कब मनाते हैं महिला समानता दिवस

महिला समानता दिवस हर साल 26 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1920 के बाद से हुई।

 

महिला समानता दिवस का इतिहास

महिला समानता दिवस पहली बार अमेरिका में मनाया गया। महिला अधिकारों की लड़ाई अमेरिका में 1853 से शुरू हुई। 50 साल तक महिला समानता की मांग को लेकर हुए आंदोलन का अंत 1920 में हुआ, जब महिलाओं को अधिकार मिलने शुरू हुई। उसके बाद से इस दिन को महिला समानता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।

 

महिला समानता दिवस मनाने की वजह

अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था। इसके अलावा विवाहित महिलाओं ने संपत्ति के अधिकार की मांग भी शुरू कर दी थी। अधिकारों की मांग को लेकर चले आंदोलन का अंत 26 अगस्त 1920 के दिन वोटिंग का अधिकार मिलने से साथ हुआ।

 

भारत में महिलाओं को वोट करने का अधिकार ब्रिटिश शासन काल में ही मिल गया था। पहले अमेरिका और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।

 

महिला समानता दिवस की थीम

इस साल महिला समानता दिवस 2023 की थीम ‘Embrace Quality’ है यानी समानता को अपनाओ। यह थीम 2021-26 रणनीतिक योजना का हिस्सा बनी हुई है। यह विषय लैंगिक समानता हासिल करने की जरूरत पर प्रकाश डालता है, जो न केवल आर्थिक विकास के लिए बल्कि मौलिक मानवाधिकारों के लिए भी आवश्यक है।



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