आजमगढ़ स्कूल कांड: 98 प्रतिशत स्कूल रहे बंद, प्रभावित हुई पढ़ाई, शासन ने इस मामले पर बनाई कमेटी

आजमगढ़ स्कूल कांड:  98 प्रतिशत स्कूल रहे बंद, प्रभावित हुई पढ़ाई, शासन ने इस मामले पर बनाई कमेटी



यूपी के ज्यादातर निजी स्कूल रहे बंद।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


आजमगढ़ के एक स्कूल में छात्रा के कूदकर जान देने के मामले में प्राचार्य व शिक्षक की गिरफ्तारी के खिलाफ मंगलवार को प्रदेश भर में निजी स्कूल बंद रहे। वहीं, शासन ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि बेसिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। इसमें शिक्षा विभाग के तीन अधिकारी और निजी स्कूलों के चार प्रतिनिधि शामिल होंगे। कमेटी आजमगढ़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगी। उन्होंने बताया कि कमेटी यह सुझाव भी देगी कि बच्चे स्कूलों में क्या ला सकते हैं और क्या नहीं। तलाशी किस तरह ली जाए, जिससे कोई दिक्कत न हो। अगर स्कूल में किसी विद्यार्थी का उत्पीड़न हो रहा है और वहां का प्रबंधन नहीं सुन रहा है तो अभिभावक क्या करें। इन्हीं बिंदुओं पर कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

अभिभावक संघ ने कहा, एक दिन की फीस नहीं करेंगे जमा

 आजमगढ़ के निजी स्कूल में छात्रा की मौत के बाद शिक्षक, प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को राजधानी में सभी बोर्ड के ज्यादातर निजी विद्यालय बंद रहे। इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। इस दौरान निजी स्कूल संचालकों ने सरकार से स्कूल सुरक्षा बिल लाने की मांग की। उधर, अभिभावक कल्याण संघ ने स्कूल संचालक पर कार्रवाई का समर्थन करते हुए एक दिन की फीस जमा न करने की बात कही ।

राजधानी में यूपी, सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड से जुड़े 2500 से अधिक निजी स्कूल हैं। मंगलवार को इनमें से 98 फीसदी से अधिक बंद रहे। यहां न तो पढ़ाई हुई और न ही स्कूल से जुड़ा कोई काम हुआ। उधर, अभिभावक संघ ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने से निजी स्कूल संचालकों के इस फैसले का कड़ा विरोध किया ।

उधर, स्कूल संचालकों के मुताबिक छात्रा की मौत की जांच के बिना कैसे किसी शिक्षक व प्रधानाचार्य को दोषी मान लिया गया। ऐसी घटना में अभिभावक को भी सोचना चाहिए। जब स्कूलों में मोबाइल फोन लाना वर्जित है तो माता-पिता बच्चों को फोन क्यों देते हैं। आज किसी भी तरह की घटना पर अभिभावक एफआईआर करवा देते हैं। यही नहीं बच्चों ने शिक्षकों को सम्मान देना बंद कर दिया है।

जांच के लिए लिखा गया है पत्र

स्कूल में छात्रा की मौत की घटना दुखद है। सभी विद्यालयों ने इस पर दुख जताया है। अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से स्कूल शिक्षा महानिदेशक को पत्र दिया गया है, ताकि मामले की जांच हो सके। – ख्वाजा सैफी यूनुस मीडिया प्रभारी, स्कूल एसोसिएशन

बिना जांच न हो किसी की गिरफ्तारी

स्कूल संचालकों पर गलत तरीके से हो रही कार्रवाई से पहले जांच होनी चाहिए। सरकार से मांग है कि प्रदेश में स्कूल सुरक्षा बिल से जुड़ा शासनादेश लाए। स्पष्ट किया जाए कि स्कूल में किसी भी घटना की जांच किए बिना किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी।- अतुल श्रीवास्तव, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स, यूपी

कार्रवाई का समर्थन करता है संगठन

2008 से अब तक पहली बार सरकार की ओर से किसी स्कूल के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हुई है। संगठन इसका समर्थन करता है। स्कूल बंद होने पर एक दिन का शुल्क नहीं जमा किया जाएगा। स्कूल संचालकों के उत्पीड़न के विरोध में शासन से मुलाकात भी की जाएगी।- प्रदीप कुमार,अध्यक्ष, अभिभावक कल्याण संघ, यूपी

 



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