8वी मुहर्रम पर निकला ताबूत का जुलुस दालमंडी मे ज़ेयारत करते
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आठवीं मुहर्रम यानी गुरुवार को भी शहर के विभिन्न इलाकों में जुलूस उठाए गए। अजादारों ने नौहा मातम कर या हुसैन व या अब्बास की सदाएं बुलंद की। शहनाई की धुन पर आंसुओं का नजराना पेश किया। मजलिसों में शोहदाए कर्बला का जिक्र किया।
शिया समुदाय ने हजरत अब्बास का गम मनाया। अब्बास इमाम हुसैन के छोटे भाई और उनके सेनापति भी थे। चाहमाहमा स्थित ख्वाजा नब्बू साहब के इमामबाड़े से तुर्बत व अलम का जुलूस उठा। संयोजक सैयद मुनाज़िर हुसैन ”मंजू” के ज़ेरे इंतजाम में मजलिस हुई। अब्बास मूर्तज़ा शम्सी ने खिताब किया। जुलूस दालमंडी, खजुर वाली मस्जिद, नई सड़क, काली महल, पितरकुंडा, लल्लापूरा होते हुए दरगाहे फातमान पहुंचकर ठंडा हुआ। मार्ग में उस्ताद फतेह अली खां व भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पौत्र नासिर अब्बास, आफाक हैदर व उनके साथियों ने शहनाई पर आंसुओं का नजराना पेश किया। शिवाला, दालमंडी, चौक, अर्दली बाजार, चौहट्टा, दोषीपुरा, रामनगर, पड़ाव, दुल्हीपुरा आदि इलाकों में आलम, ताबूत और दुलदुल के जुलूस उठाए गए। दरगाह फातमान मैं मौलाना कमर सुल्तान ने मजलिस को खिताब किया। शराफत हुसैन और साथियों ने नौहा पेश किया। पितरकुडा में मजलिस को हाजी फरमान हैदर ने खिताब किया। उन्होंने शहीदान-ए-कर्बला के वाकयां सुनाया तो सभी की आंखें नम हो गईं।
नामचीन ताजिये इमाम चौक पर बैठी
आठ मुहर्रम पर शहर के नामचीन ताजिये इमाम चौक पर बैठाए गए। रांगे की ताजिया लल्लापुरा, नगीना वाली ताजिया कोयलाबाजार, बुर्राक की ताजिया जैतपुरा, शीशम की ताजिया गौरीगंज, देवनाथपुरा की ताजिया, लंगड़े उमर की ताजिया छित्तनपुरा, हिंदू लहरा की ताजिया धन्नीपुरा, दोषीपुरा में शाबान की ताज़िया आदि इलाकों की चर्चित ताजिया इमाम चौकों पर बैठाई गई। लोगों ने हाज़िरी लगाई।