न्याय मिलने पर संतोष महसूस कर रहा है शुक्ला परिवार।
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हम बीते सात सालों से न्याय का इंतजार कर रहे थे। कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। मेरे पति के हत्यारों को फांसी की सजा का फैसला सुनने के बाद सुकून मिला है। आज दिवंगत आत्मा को शांति मिली होगी…। ये बातें चकेरी के प्योंदी गांव में आतंकियों की गोली का शिकार हुए पूर्व प्रधानाचार्य रमेशबाबू शुक्ला की पत्नी मीना शुक्ला ने कहीं।
आतंकी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल ने 24 अक्तूबर 2016 में रमेशबाबू शुक्ला की पहचान करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतंकियों ने पिस्टल की टेस्टिंग के लिए हत्या की थी। वे साइकिल से स्कूल से घर लौट रहे थे। मामले की सुनवाई एनआईए कोर्ट में चल रही थी। गुरुवार को कोर्ट ने दोनों आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई।
कोर्ट का फैसला आते ही नवाबगंज, विष्णुपुरी में रहने वाला दिवंगत प्रधानाचार्य रमेशबाबू शुक्ला के परिवार के हर सदस्य की आंखों से आंसू बह निकले। प्रधानाचार्य की पत्नी मीना देवी ने कहा वो मनहूस दिन आज भी नहीं भूल पातीं, जब आतंकियों ने उनके बेगुनाह पति की जान ले ली थी। बोलीं, हमें ईश्वर और न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा था।