विधायक अब्बास अंसारी। फाइल फोटो
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नफरती भाषण देने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को मिली जमानत रद्द कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने विधायक अब्बास अंसारी को नोटिस जारी करते हुए मामले को 31 अक्तूबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की अदालत ने दिया है। सरकार की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत ने जमानत देते वक्त उसके आपराधिक इतिहास को नजरंदाज किया है।
गौरतलब है कि अब्बास अंसारी मऊ सदर सीट से सुभासपा के विधायक हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहाड़पुर मैदान में आयोजित जनसभा में अब्बास ने विवादित बयान दिया था। धमकी भरे लहजे में कहा था कि चुनाव के बाद सभी विरोधी अधिकारियों का हिसाब किताब किया जाएगा।
इस मामले में विधायक अब्बास अंसारी के साथ उसके छोटे भाई उमर अंसारी और आयोजक मंसूर अहमद अंसारी व अन्य के खिलाफ मऊ जिले के थाना नगर कोतवाली में उपनिरीक्षक गंगाराम बंद ने आचार संहिता उल्लंघन के साथ ही नफरती भाषण और अधिकारियों को धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। अब्बास अंसारी को मऊ की एमपी एमएलए अदालत ने इस मामले में जमानत दे दी थी। निचली अदालत से अब्बास अंसारी को मिली जमानत रद्द करवाने के लिए राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार ने याचिका दाखिल की है।