भाकियू शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी को हिरासत में लिया
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खराब फसलों के मुआवजे और दूसरी मांगों के लिए 22 अगस्त को चंडीगढ़ में धरना देने की तैयारियों में जुटे पंजाब-हरियाणा के किसानों की धरपकड़ तेज हो गई है। अंबाला में पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में लेकर नजरबंद कर दिया।
पुलिस ने पहले तो किसान नेताओं को मीटिंग के बहाने डीसी ऑफिस बुलाया और वहां से हिरासत में ले लिया। जबकि कुछ किसानों को उनके खेतों से भी हिरासत में लिए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक पुलिस की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई।
डीसी ऑफिस से पुलिस ने भाकियू शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी को हिरासत में लिया। जबकि जय सिंह जलबेड़ा, शहीद भगत सिंह के जिला प्रधान गुरमीत सिंह माजरी, ब्लॉक वन प्रधान सुखविंद्र सिंह और वजिंद्र सिंह कंबोज किसानों को अलग-अलग जगह से हिरासत में लिया।
उधर, अमरजीत सिंह मोहड़ी में हिरासत में लिए जाने के बाद गाड़ी में बैठे-बैठे सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया। पहले तो वह सरकार की वादाखिलाफी के प्रति रोष जताया और किसानों को 22 अगस्त को चंडीगढ़ कूच के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में जाने की अपील करते हुए दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वह इसके बाद वीडियो न बना सके, लेकिन किसान चंडीगढ़ कूच करें और कानून हाथ में न लें।
किसानों और ट्रालियां पर पुलिस की नजर
उधर, चंडीगढ़ कूच से पहले पुलिस प्रशासन भी आंदोलन के दौरान सक्रिय रहने वाले किसानों पर लगातार नजर बनाए है। अलग-अलग गांवों में पुलिस ने पहरा लगा दिया है। किसानों के अलावा उनकी ट्रैक्टर-ट्रालियों पर भी नजर रखी जा रही है, जिससे कि वे कहीं भी एकजुट होकर चंडीगढ़ कूच की रणनीति तैयार न कर सकें। वहीं, किसान भी पुलिस की नजर से बचने के लिए जगह बदल रहे हैं।
किसानों ने एसडीएम को सौंपा था ज्ञापन
किसान नेताओं ने बताया कि हरियाणा और पंजाब के 16 किसान संगठन मिलकर बाढ़ग्रस्त किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए 22 अगस्त को चंडीगढ़ कूच करेंगे। इसके लिए वीरवार को भाकियू शहीद भगत सिंह के प्रधान गुरमीत सिंह ने बराड़ा एसडीएम को भी ज्ञापन सौंपा। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के अध्यक्ष अमरजीत मोहड़ी ने कहा था कि लाखों एकड़ फसल बाढ़ में खत्म होने के बावजूद भी सरकार ने कोई सुध नहीं ली।
किसानों की यह मुख्य मांगें
- किसान नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार से 50 हजार करोड़ विशेष पैकेज की मांग।
- घग्गर योजना के तहत सभी नदियों का स्थाई समाधान करने।
- किसानों को 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग।
- पशुओं की मृत्यु और बोरवेल खराब होने पर मुआवजा।
- खेतों में भरे रेत उठाने के लिए खनन की इजाजत।
- बाढ़ में जान गंवाने वाले के आश्रितों को 10 लाख मुआवजा।
- एक साल के लिए सभी ऋण और ब्याज माफ।
- एमएसपी गारंटी, मनरेगा योजना के तहत 200 दिन तक काम देने।