कुलगाम में सुरक्षाबलों के हिरासत में आरोपी
– फोटो : पुलिस पीआरओ
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पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में एक आतंकी भर्ती मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक पीएचडी स्कॉलर व दो आतंकी मददगारों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से हथियारों के साथ एक कार भी बरामद की गई है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, कुलगाम पुलिस ने एक जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए, एक कोड नाम वाले व्यक्ति डॉ. सबील की तलाश शुरू की।
वह कुलगाम और आसपास के इलाकों के भोले-भाले युवाओं को आतंकी तंजीमों में भर्ती करने के लिए प्रेरित कर रहा था। वह आर्थिक सहायता के साथ अन्य मदद भी प्रदान कर रहा था। इस दौरान पुलिस ने एक संदिग्ध वाहन को पकड़ा। जांच में पता चला कि इस वाहन का उपयोग कुलगाम के अशमुजी निवासी डॉ रुबानी बशीर द्वारा किया जा रहा था।
इसके बाद बशीर नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान, उसने अपना कोड नाम डॉ. सबील बताया, जो कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी स्कॉलर है। उसने वहां सहायक प्रोफेसर के रूप में नौकरी के लिए आवेदन भी किया है। पूछताछ में डॉ. रुबानी बशीर उर्फ डॉ. सबील ने बताया कि वह अपने छात्र जीवन से ही जमात-ए-इस्लामी से जुड़ा है।
वह 14 वर्षों तक छात्र विंग इस्लामिक जमात-उल-तुलभा (आईजेटी) का सदस्य भी रहा। उसका मूल काम पर्दे के पीछे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों हिजबुल व जैश के लिए काम करना था। वह युवाओं की पहचान करता था, उन्हें आतंकी बनने के लिए प्रेरित करने के साथ उन्हें फंड भी उपलब्ध कराता था।
यह भी पता चला कि बशीर ने दो युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें आतंकवादी रैंक में शामिल होने के लिए मजबूर किया। उनकी पहचान फाजिल अहमद पर्रे और तारिक अहमद नायकू उर्फ चावला के रूप में की गई। दोनों जैश व हिजबुल से संबद्ध हैं।
कार का प्रयोग आतंकियों को लाने ले जाने के लिए करते थे
प्रवक्ता ने बताया कि बशीर के पास से एक चीनी पिस्तौल, एक मैगजीन, नौ 9 एमएम कारतूस, फाजिल के पास से एक एके-47 मैगजीन और 19 एके-47 कारतूस तथा तारिक अहमद नायकू के पास से एक चीन निर्मित ग्रेनेड बरामद किया गया है। इनके पास से मिली आल्टो कार का प्रयोग आतंकियों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता था। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।