women reservation bill
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लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित हुआ। 454 सांसदों ने बिल के पक्ष में और 2 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया। विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि इस अभूतपूर्व समर्थन के साथ बिल पारित होने पर खुशी हुई। मैं सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है, जो महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की और भी अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा।
एआईएमआईएम ने किया विरोध
सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया। हालांकि, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया। सदन में ओवैसी समेत एआईएमआईएम के दो सदस्य हैं।
27 महिला सदस्यों ने लिया बहस में हिस्सा
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं।
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महिला आरक्षण विधेयक पर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा
अब महिला आरक्षण विधेयक पर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा होगी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पर कल चर्चा होगी। लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद इसे उच्च सदन में चर्चा व पारित किए जाने के लिए पेश किया जाएगा। विधेयक पर चर्चा के लिए साढ़े सात घंटे का समय तय किया गया है।