विस्तार
आगरा में पर्यटक सीजन शुरू हो चुका है। ताजमहल, आगरा फोर्ट से लेकर फतेहपुर सीकरी तक सैलानियों का हुजूम उमड़ रहा है, लेकिन विश्वदाय स्मारकों पर आकस्मिक चिकित्सा सुविधाएं तक नहीं हैं। फ्रांसीसी पर्यटक की मौत से अफसरों ने सबक नहीं लिया। हादसे के 10 दिन बाद भी स्मारकों में पर्यटकों की जान भगवान भरोसे है।
फ्रांस से पति के साथ आगरा घूमने आई 61 वर्षीय अस्मा की 22 सितंबर को फतेहपुर सीकरी स्थित तुर्की सुल्ताना महल के 7 फुट ऊंचे बरामदे में लगी रेलिंग टूटने से जमीन पर गिरकर मौत हो गई थी। गोल्डन आवर में एंबुलेंस नहीं मिलने से पर्यटक ने दम तोड़ दिया था। सिर में फ्रैक्चर व 8 सेंटीमीटर गहरा घाव हुआ था। इस हादसे की गूंज दिल्ली और लखनऊ तक पहुंची। लेकिन 10 दिन बाद भी स्मारकों में आकस्मिक उपचार के लिए एसओपी (स्टैंडंर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तय नहीं हो पाई।
ताजमहल पर एडीए की एंबुलेंस है। यह खटारा है। इसकी फिटनेस प्रमाणपत्र 11 साल पहले अमान्य हो चुका है। ऑक्सीजन, जीवनरक्षक उपकरण व प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ तक नहीं है। दूसरी तरफ विश्व धरोहर स्मारक आगरा फोर्ट में कोई एंबुलेंस तैनात नहीं। उधर, फतेहपुर सीकरी में भी एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लेस एंबुलेंस व आकस्मिक स्थिति से उपचार के इंतजाम नहीं हो सके हैं।
ये भी पढ़ें – आगरा: बंद फ्लैट में मिली अवैध शराब, एक-एक बोतल की कीमत 6 से 10 हजार रुपये; सोफे और बेड में छिपाई थीं
पर्यटन महानिदेशक ने दिए थे निर्देश
यह स्थिति तब है जब फ्रांस की पर्यटक की मौत के बाद जांच के लिए पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव व महानिदेशक मुकेश मेश्राम फतेहपुर सीकरी गए थे। आपात स्थिति से निपटने के लिए एसओपी बनाने और ताजमहल, फोर्ट व सीकरी में एंबुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए थे। नतीजा अब तक शून्य है।
सामने आई थी लापरवाही
डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने इस हादसे के बाद जांच के लिए एडीएम प्रोटोकॉल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी की जांच में हादसे की वजह लापरवाही निकली। जिस रेलिंग से पर्यटक गिरी वह कमजोर थी। एंबुलेंस भी देरी से पहुंची। आगरा में अक्तूबर से मार्च तक पर्यटन सीजन रहता है। रोज 20 हजार से अधिक पर्यटक आते हैं।
ये भी पढ़ें – मददगार की करतूत: एटीएम में फंसा था डेबिट कार्ड, मदद के बहाने आया; लगा 5.53 लाख रुपये का झटका
हार्ट अटैक पर नहीं मिला था इलाज
फ्रांसीसी पर्यटक की मौत से कुछ दिन पहले फतेहपुर सीकरी में एएसआई कर्मचारी को हार्ट अटैक आया था। आपात स्थिति में इलाज के इंतजाम नहीं होने के कारण कर्मचारी की जान चली गई। उन्हें तत्काल इजाज नहीं मिल सका था। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने स्मारकों पर एंबुलेंस व चिकित्सा व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही तय की है।
15 दिन में तय हो जाएगी एसओपी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ताजमहल, फोर्ट व सीकरी पर 15 दिन में एसओपी तय हो जाएगी। रेडक्रॉस से सीकरी में एंबुलेंस के लिए बात की गई है। ताज में भी एंबुलेंस में सुविधाएं बढ़ेंगी। पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा।