देश के प्रधानमंत्री व वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी का आज 73वां जन्मदिन है। इस अवसर पर पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी मोदीमय है। पीएम मोदी का जन्मदिन काशी विश्वनाथ धाम में भव्य रूप से मनाया गया। बाबा विश्वनाथ को 100008 बेलपत्र चढ़कर प्रधानमंत्री के दीर्घायु होने की कामना की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 73 ब्राह्मणों ने 73 कलश से जल चढ़ाकर 73 कमल फूल से बाबा का विधिवत्त हवन-पूजन किया। प्रसाद के रूप में 73 किलो का एक लड्डू चढ़ाया गया। इस दौरान शहर के सभी मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधि काशी विश्वनाथ धाम परिसर में मौजूद रहे।
सुबह 9 बजे आयोजित हुए कार्यक्रम में सबसे पहले 73 ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रों से पूजन की शुरुआत की। 73 कलश से बाबा का जलाभिषेक कर 73 कमल के पुष्प को बाबा को अर्पित किया गया। 100008 बेलपत्र चढ़कर प्रधानमंत्री के दीर्घायु की कामना की गई । इसके बाद 73 किलो एक लड्डू प्रसाद के रूप में चढ़ाया गया। 101 बटुकों ने स्वस्ति वचन और मंगलाचरण किया। शंखनाद और डमरू दल के वादन से पूरा परिसर भक्ति में हो गया था।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडे के साथ मंत्री अनिल राजभर, दयाशंकर मिश्र दयालु , रविंद्र जायसवाल, पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी सहित सभी विधायकों और जनप्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री के दीर्घायु की कामना की।
बाबा विश्वनाथ के पूजन के बाद पूर्व मंत्री व शहर दक्षिणी विधायक नीलकंठ तिवारी ने ब्राह्मणों और मंदिर के अध्यक्ष व ट्रस्टी पंडित चंद्रमौली उपाध्याय, पंडित दीपक मालवीय, बृजभूषण ओझा, वेंकट रमन से आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी पुजारी, अर्चकों बटुक शास्त्री व वैदिक ब्राह्मणों का अंग वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया।
काशी विश्वनाध धाम के सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने मंदिर में उपस्थित सभी दर्शनार्थियों को लड्डू का प्रसाद वितरित किया। पीएम मोदी के जन्मदिन पर आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु समेत मंदिर के अधिकारी के साथ ही भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे।
काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण और सौन्दर्यीकरण योजना पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट था। 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण भी कर दिया। मंदिर परिसर के नए और भव्य स्वरूप से काशी नगरी खिल उठी। 2014 में सांसद चुने जाने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार वाराणसी आकर बाबा विश्वनाथ के दर पर जाते रहे।