पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
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340.8 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस पर हादसे रोकने के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं। साथ ही हादसा होने की स्थिति में मौके पर ही इलाज की व्यवस्था भी की गई है। आवारा जानवरों को रोकने के लिए न केवल अलग से एजेंसी नियुक्त की गई है बल्कि आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए गोशालाओं की व्यवस्था भी की जाएगी। यूपीडा ने इसे लेकर सभी को जिम्मेदारी दे दी है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर आवारा जानवरों की चहलकदमी बड़ी मुसीबत है। उन्हें रोकने के लिए एक तरफ क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे तो दूसरी तरफ फेंसिंग यानी जालियां लगाई जाएंगी। आवारा पशुओं को पकड़कर रखने के लिए नजदीक में ही गौशाला बनेगी। इसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है जिसे करीब आठ लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।
इसी तरह पहली बार लाइफ सपोर्ट मशीन श्रेणी की अत्याधुनिक आठ एम्बुलेंस को एक्सप्रेस वे पर तैनात किया जाएगा। इन हाई रूफ एम्बुलेंसों में गंभीर स्थिति में मौके पर ही प्राथमिक उपचार किया जा सकेगा। हादसा होने की स्थिति में त्वरित मदद को लेकर किसी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं। यही वजह है कि इसी मद में लगभग 1.5 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है।
एक्सप्रेस वे में भोजनालय और शौचालय की सुविधाओं को भी अंतिम रूप दे दिया है। तीन अलग अलग एजेंसियों को पूरे एक्सप्रेस वे में इन सुविधाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिनका पास एक्सप्रेस वे पर फूड कियास्क, रेस्टोरेंट, विश्राम स्थल और शौचालयों की जिम्मेदारी होगी। वहीं गंगा एक्सप्रेस वे को ग्रीन एक्सप्रेस वे बनाने के लिए यूपीडा ने उत्तर प्रदेश वन विभाग के साथ अनुबंध किया है। ये अनुबंध 12 वर्ष का होगा, जिसके तहत गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे हरित पट्टी का विकास किया जाएगा।