संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा का आयोजन
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प्रदेश में संस्कृत के प्रति विद्यार्थियों का रुझान बढ़ाने, संस्कृत में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश अमृत काल संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर केंद्र बनाकर बहुविकल्पीय सवालों पर आधारित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा और सफल हुए 90 विद्यार्थियों को एक-एक हजार रुपये सालाना छात्रवृत्ति दी जाएगी।
यह निर्णय शुक्रवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। माध्यमिक शिक्षा के प्रभारी निदेशक भगवती सिंह की अध्यक्षता में निदेशालय में हुई बैठक में यह तय किया गया कि प्रवेश परीक्षा तीन स्तर पर प्रथमा (कक्षा छह से आठ तक), पूर्व मध्यमा (कक्षा नौ-दस) और उत्तर मध्यमा (कक्षा 11-12) के विद्यार्थियों की होगी। इसमें संस्कृत पढ़ने वाला कोई भी विद्यार्थी शामिल हो सकेगा। इस परीक्षा का आयोजन हर साल होगा। इसके लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।
बैठक में शैक्षणिक सत्र 2023-24 व 2024-25 के लिए नई शिक्षा नीति 2020 के क्रम में हिंदी, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में कमी को भी हरी झंडी दी गई। इसी तरह कॉलेजों को 10 विषय पढ़ाने की सहमति दी गई। वहीं अतिरिक्त विषय के लिए लिए जाने वाले मान्यता शुल्क को 2500 से कम कर 500 रुपये प्रति विषय करने का भी निर्णय लिया गया। कार्यकारिणी ने चार डिप्लोमा कोर्स स्ववित्तपोषित में शुरू करने और उसके लिए ऑनलाइन आवेदन लेने को सहमति दी।
प्रधानाचार्य व शिक्षकों को दिलाया जाएगा प्रशिक्षण
उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के सचिव आरके तिवारी ने बताया कि कार्यकारिणी ने सभी 591 प्रधानाचार्य व 1186 शिक्षकों के संस्कृत विद्वानों से प्रशिक्षण कराने पर सहमति दी। सदस्यों ने संविदा शिक्षकों की नियुक्ति के चयन व मानदेय भुगतान में हो रही देरी से अवगत कराया। वहीं गर्मी को देखते हुए विद्यालयों के समय में बदलाव का निर्णय अपने स्तर से लेने की बात कही गई। बैठक में जेपी सिंह अध्यक्ष संस्कृत भारती न्यास अवध प्रांत, विधायक धनंजय कनौजिया, विनोद मिश्र, हर्षदेव, सालिगराम, वंदना द्विवेदी आदि उपस्थित थे।