प्रतीकात्मक तस्वीर।
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यूपी में पहली बार इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने का प्लांट प्रदेश की औद्योगिक सूरत के लिए गेमचेंजर साबित होगा। इस प्लांट के बहाने औद्योगिक विकास विभाग का फोकस देश में पहली बार लीथियम बैटरी क्लस्टर विकसित करना है। देश में ईवी की भारी मांग के बावजूद लीथियम बैटरी का शत प्रतिशत आयात हो रहा है। 80 फीसदी बैटरी चीन से आयात हो रही है। इसके अलावा चिली और आस्ट्रेलिया से भी आयात होता है। पिछले साल करीब 14 हजार करोड़ रुपये की बैटरी का आयात किया गया था। हाल में टाटा समूह ने गुजरात में करीब 1.60 अरब डालर के निवेश के साथ लीथियम बैटरी प्लांट लगाने का एलान किया है। अब यूपी ने बैटरी को लेकर बड़े समूहों को आमंत्रण दिया है।
गौरतलब है कि हिंदुजा समूह ने पिछले दिनों प्रदेश सरकार के साथ इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण प्लांट लगाने का एमओयू किया है। इसके तहत समूह लखनऊ या प्रयागराज में कॉमर्शियल ईवी प्लांट लगाएगा। पहली बार विश्व की चौथी सबसे बड़ी कॉमर्शियल वाहन कंपनी ने दक्षिण भारत से बाहर प्लांट लगाने का समझौता किया है। इसी के साथ यूपी में एक नए सेक्टर का प्रवेश भी हुआ है। समझौते के साथ ही औद्योगिक विकास विभाग आगे की तैयारी में जुट गया है।
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विभाग का फोकस केवल ईवी वाहन प्लांट तक नहीं है बल्कि ईवी वाहनों की ‘लाइफलाइन’ लीथियम बैटरी का निर्माण हब बनाने पर भी है। विभाग का मानना है कि पहले चरण में लीथियम बैटरी सेक्टर में कम से कम 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिस तरह तमिलनाडु की महिंद्रा और पुणे की टाटा ने तस्वीर बदल दी, उसी तरह यूपी की औद्योगिक तस्वीर लीथियम बैटरी और ईवी वाहनों का क्लस्टर बदलेगा।
ईवी वाहनों की सर्वाधिक बिक्री यूपी में
देश में पांच साल में ईवी वाहनों की बिक्री में 48 गुना इजाफा हुआ है। इसकी बिक्री में यूपी देश भर में अव्वल है। इस वर्ष अब तक यहां 4.35 लाख ईवी बिक चुके हैं। यहां एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे और सड़कों का नेटवर्क तेजी से बढ़ा है। 12 हजार किमी नेशनल हाईवे यहीं से गुजर रहा है। यही वजह है कि अगले तीन साल में प्रदेश में ईवी वाहनों की बिक्री 12 लाख सालाना को भी पार करने की संभावना है।