सुप्रीम कोर्ट
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जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्रशासित प्रदेश में बदलने की केंद्र की शक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सख्त सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने कहा कि क्या दूसरे राज्यों में समस्या होगी तो केंद्र उन्हें भी पुनर्गठित करेगा। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने की संसद की शक्ति के बारे में अपनी आशंकाएं जाहिर कीं।
सीजेआई ने कहा, एक बार जब आप मान लेते हैं कि भारत संघ के पास किसी भी राज्य को पुनर्गठित करने की शक्ति है तो आप इस शक्ति के बारे में राज्यों की आशंकाएं कैसे दूर करेंगे? यह कैसे तय करेंगे कि इसका उपयोग हर राज्य पर नहीं किया जा सकता?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, जम्मू-कश्मीर का मामला अलग था, जिसने दशकों से हिंसा और आतंकवाद देखा है। इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा, केंद्र के इस तर्क में समस्या है कि जम्मू-कश्मीर अपनी तरह का एक राज्य है। पूर्वोत्तर राज्यों में से एक इस समय हिंसा का सामना कर रहा है। वहीं, सीमावर्ती राज्य पंजाब में भी हिंसा देखी गई है। मेहता ने कहा कि देश की सीमाएं चार देशों से लगती हैं और उनमें सभी मित्रवत नहीं हैं।
इस पर जस्टिस कौल ने कहा, हम अपने पड़ोसियों को नहीं चुन सकते। सीजेआई को आशंका है कि जब आपको परेशानी दिखेगी तो क्या आप आगे बढ़ेंगे और इनमें से किसी राज्य का पुनर्गठन करेंगे?…आप यह नहीं कह सकते कि सिर्फ इसलिए कि यह एक सीमावर्ती राज्य है, अलग व्यवहार किया जाना चाहिए। सीजेआई ने कहा, हिमाचल व उत्तराखंड भी सीमावर्ती राज्य हैं। मेहता ने कहा, जम्मू-कश्मीर की अलग सीमा है और सरकार का मकसद युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाना है। अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी।
जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर तक पहुंचा लोकतंत्र: केंद्र
एसजी मेहता ने पीठ से कहा, अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू और कश्मीर बेहतर दिन देख रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती राज्य पहले आतंकवाद, घुसपैठ, पथराव, हड़ताल की घटनाओं से त्रस्त था। निरस्तीकरण के बाद स्थानीय चुनाव हुए। मेहता ने कहा, जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र जमीनी स्तर तक पहुंच गया है।
सिब्बल बोले- स्थिति सामान्य तो राज्य का दर्जा बहाल हो
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल हो गई है, तो ऐसे में क्या इसे राज्य का दर्जा लौटाने का समय नहीं आ गया है?