कांवड़ यात्रा 2023
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इस बार रामनगरी में सावन झूला मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की राह कठिन होगी। पथों के निर्माण और दूसरे विकास कार्यों के चलते सड़कों पर चल पाना मुश्किल है। छोटी-बड़े पत्थरों की वजह से राह में चलना कठिन होगा। इसके कारण अयोध्या में पहुंचने वाली भारी भीड़ के दौरान सफाई व्यवस्था के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
सावन माह मंगलवार से शुरू होने के बाद अब कावड़ियों की भीड़ भी अगले सप्ताह से यहां पहुंचने वाली है। जिला प्रशासन सावन झूला मेले के साथ कावड़ यात्रा को लेकर पुख्ता इंतजाम में जुटा है। शांति, सुरक्षा व नागरिक सुविधाओं के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है, लेकिन इन सबके बावजूद बारिश के महीने में सड़कों का हाल सबसे ज्यादा खराब है। ऐसे में चाह कर भी मनमाफिक व्यवस्था कर पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर होगी।
अयोध्या आने वाले कावड़ियों का सबसे ज्यादा दबाव सरयू तट के नयाघाट से नागेश्वरनाथ, राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, क्षीरेश्वरनाथ सहित अन्य स्थानों पर होता है। इन पर पहुंचने के लिए मुख्य मार्ग पर जाना होता है। रामपथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ के नवनिर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए पूरी सड़क खुदी पड़ी है। कूड़े के ढेर और मलवे रास्ता रोकेंगे। जगह-जगह गडढे और बारिश का पानी भर रहा है।
बारिश के दौरान इन सडक़ों पर सामान्य दिनों में चल पाना मुश्किल हो गया है। वाहन से पैदल तक लोग कीचड़ से सराबोर हो रहे हैं। मुख्य मार्ग तो राम पथ ही है। सबसे ज्यादा भीड़ भी इसी पर होती है। ऐसे में श्रद्धालुओं आराध्य के झूलनोत्सव को देखने में मुश्किलों को सामना करना पड़ेगा।
मुख्य मार्ग ही नहीं, राम नगरी के गलियों की स्थिति भी अच्छी नहीं रह गई है। भीड़ का दबाव इनमें होने से न केवल जाम की स्थिति रहती है। यहां भी चल पाना मुश्किल है। खुदी सड़कों में सफाई करवा पाना निगम प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा। सड़क और सफाई व्यवस्था की अव्यवस्था हुई तो दूसरी व्यवस्थाएं भी प्रभावित होंगी।
इस बार नगर निगम करेगा सफाई व्यवस्था
इस बार पूरी रामनगरी की सफाई व्यवस्था का जिम्मा नगर निगम के पास होगा। डीएम ने सोमवार को हुई बैठक में गांव के सफाईकर्मियों को वहां भेजे जाने से मना कर दिया। इसके लिए नगर निगम को व्यवस्था की बात कही। हर बार मेले के दौरान कई सौ सफाईकर्मी गांव से लगाए जाते थे।