रामलीलाओं का मंचन करने वाले कलाकार किन परिस्थितियों और दुविधाओ से गुजर कर मंच तक पहुंचते हैं और उनके सामने क्या कठिनाई आती है, फिल्म ‘मंडली’ उसी विषय पर आधरित है। यह फिल्म कहीं न कहीं अपनी कला में गहरी आस्था, रामायण में विश्वास और समाज के शक्तिशाली लोगों के बीच संघर्ष को प्रतिबिंबित करता है जो दर्शकों को आकर्षित करने के लिए अश्लील नृत्यों को शामिल करके अपने वित्त और व्यक्तिगत लाभ के लिए रामलीला का आयोजन करते हैं। अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ और ‘केसरी’ जैसी कई बड़ी फिल्मों में अभिनय कर चुके राकेश चतुर्वेदी ‘ओम’ ने इस फिल्म का निर्देशन किया है।राकेश चतुर्वेदी ‘ओम’ का कहना है कि रामलीला हमारी एक सांस्कृतिक विधा है,उसकी मर्यादा को कायम रखते हुए ही इसे खेला जानी चाहिए।
राकेश चतुर्वेदी ‘ओम’ कहते हैं, ‘रामलीला एक ऐसी विधा है, जो हम सबने बचपन से देखी है। इसके प्रति मैं बहुत ही आकर्षित रहा। मुझे लगता है कि मेरा मंच पर थियेटर करना या फिल्मों में अभिनय करने की सबसे बड़ी वजह रामलीला ही रही है। अब रामलीला के मंच पर कुछ गंदगी फैल गई है, जब छोटी -छोटी जगहों पर रामलीला होती है तो वहां बहुत सारी समस्याएं पैदा हो गई हैं। रामलीला के मंच पर अलग- अलग तरीके से अब मनोरंजन होने लगा है दर्शकों को आकर्षित करने के लिए।’
फिल्म ‘मंडली’ की थीम के बारे में पूछे जाने पर राकेश बताते हैं, ‘रामलीला की सही विधा और तरीका है। उसे दूषित ना करें, उसकी मर्यादा को कायम रखते हुए काम करें। इस फिल्म के माध्यम से हम इसी तरफ इशारा करने जा रहे हैं। कहानी में जो एक द्वंद्व है, उसमे लोगों का मनोरंजन, रोमांच और उसकी गतिशीलता बनी रहे, इस बात का हमने ख्याल रखा है। हमने फिल्म की कहानी में आज के रावण और आज की जो समस्याएं हैं, उसे हम बताना चाह रहे हैं कि यह विधा कितनी अलग अलग तरीके से खेली जा सकती है।’
फिल्म ‘मंडली’ की पूरी शूटिंग मथुरा में हुई है। राकेश के मुताबिक ‘हमने पिछले साल अक्टूबर में शूटिंग की ताकि नवरात्र और दशहरे के आस पास उस समय रामलीला का जो एक माहौल होता है, वह मिल सके। हमने पांच -छह बड़े बड़े सेट कहानी के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए लगाए। इस फिल्म में मथुरा के बहुत सारे स्थानीय कलाकारों को काम करने का मौका मिला है । फिल्म के जो 10 -12 मुख्य कलाकार अभिषेक दुहान, आंचल मुंजाल, रजनीश दुग्गल और बृजेंद्र काला, विनीत कुमार, कंवलजीत सिंह, अलका अमीन, अश्वथ भट्ट, सहर्ष शुक्ला और नीरज सूद हैं। वह मुंबई से गए थे। बाकी इस फिल्म में मथुरा के स्थानीय कलाकारों ने काम किया है।’
फिल्म ‘मंडली’ से पहले राकेश राकेश चतुर्वेदी ‘ओम’, ‘भल्ला@हल्ला.कॉम’ और और ‘बोलो राम’ जैसी फिल्में निर्देशित कर चुके हैं| वह कहते हैं, ‘इससे पहले नसीरुद्दीन शाह, ओमपुरी को लेकर ‘बोलो राम’ बनाई थी। मुझे ऐसा लगता है कि अभिनय और निर्देशन का जो डिपार्टमेंट है वह आपस में बहुत जुड़ा हुआ है। क्योंकि अभिनय में भी दिल और दिमाग लगाना पड़ता है और फिल्म मेकिंग में भी। एक कहानी जो आप मंच पर खुद ही कह रहे होते हैं वहीं निर्देशन के समय दूसरे अभिनेता के माध्यम से कहना होता है। ख्याल इस तरीके से आया कि आदमी की जो चाहत होती है। वह नए कामों को लेकर उत्साहित करती रहती है।’ फिल्म ‘मंडली’ 27 अक्टूबर को रिलीज होगी।