श्रृंगी ऋषि का आश्रम: यहां श्रीहरि से मिलने आए थे महादेव और सती
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लहुरी काशी के नाम से प्रसिद्ध जनपद में कई ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल हैं। इनमें सैदपुर तहसील क्षेत्र के औड़िहार बाजार के पास से गंगा किनारे स्थित वराह धाम का भी विशिष्ट स्थान है। मान्यता है कि यहीं, श्रृंगी ऋषि का आश्रम था, जिन्होंने अयोध्या में महाराज दशरथ के यहां पुत्र्येष्टि यज्ञ संपन्न कराया था। इतना ही नहीं, यहीं गंगा नदी के तट पर देवों के देव महादेव और माता सती ने श्रीहरि से भेंट भी की थी।
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औड़िहार के समीप स्थित वराह धाम को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं। बुजुर्गों के मुताबिक वराह धाम कहे जाने वाले भू-भाग पर ही कभी श्रृंगी ऋषि का आश्रम था। औड़िहार स्थित उनके आश्रम में तो अन्य महान विभूतियों, ऋषियों के अलावा देवी-देवता भी स्वर्ग से सीधे आगमन करने लगे थे। बताते हैं ऋषि कश्यप के पुत्र हृण्याक्ष का दक्षिण भारत पर राज था। ब्रम्हा जी से अजरता और अमरता का वरदान पाने के बाद उसने धरती को ही अपना निशाना बनाया। पृथ्वी को लेकर वह रसातल में घुस गया, तब सामान्य जनजीवन के अलावा ऋषि, मुनि और देवी देवता भी जीवन से निराश हो गए।