संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
काशी विश्वनाथ धाम के बाद बनारस का दूसरा कॉरिडोर तैयार होने जा रहा है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में बनने वाले कॉरिडोर में प्राच्य विद्या की विरासत को सहेजने के साथ ही पर्यटन का नया केंद्र भी विकसित होगा। पूर्वांचल भर के उद्यमियों के सहयोग से विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी कार्ययोजना तैयार की है।
देववाणी संस्कृत के संस्कार को देश के साथ ही सात समंदर पार तक पहुंचाने वाला संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय जल्द ही नए कलेवर में देश ही नहीं दुनिया के सामने होगा। विश्वविद्यालय के विकास के साथ ही इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने की पहल शुरू हो गई है।
सरस्वती भवन से पंचदेव मंदिर तक होगा कॉरिडोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद विश्वविद्यालय की व्यवस्था में कई बड़े बदलाव हुए हैं। पूरे परिसर की पुरातन काया को नवीनता प्रदान करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके तहत 180 करोड़ से विश्वविद्यालय की सूरत संवारने का प्रोजेक्ट शासन के पास भेजा जा चुका है। वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय की ओर से परिसर में नया कॉरिडोर बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है।