सिक्किम बाढ़
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सिक्किम में आई भीषण बाढ़ में मरने वालों की संख्या दस हो गई है। 80 से अधिक लोग लापता हुए हैं जबकि इस बाढ़ में 14 पुल ढह गए। सिक्किम सरकार ने इसकी पुष्टि की है। मरने वालों में सभी नागरिक हैं। तीस्ता बांध में काम कर रहे करीब 14 मजदूर् अभी भी सुरंगों में फंसे हैं। जानकारी के मुताबिक अभी भी 80 से अधिक लोग लापता बताए गए हैं। इस समय राज्य के विभिन्न हिस्सों में 3,000 से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की आशंका है। चुंगथांग में तीस्ता बांध चरण तीन में काम कर रहे करीब 14 मजदूर अभी भी बांध की सुरंगों में फंसे होने की जानकारी मिल रही है।
जानकारी मिली है कि इस भयानक त्रासदी में राज्य में करीब 14 पुल ढह गए हैं, इनमें से 9 सीमा सड़क संगठन के अधीन हैं और 5 पुल राज्य सरकार के अधीन हैं। मंगन जिले के चुंगथांग और गंगटोक जिले के डिक्चु, सिंगतम और पाक्योंग जिले के रंगपो से लोगों के काफी संख्या में घायल होने और लापता होने की खबर मिली है।
वास्तव में मंगलवार रात को 10.42 बजे क्या हुआ
सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, “ल्होनक झील में मंगलवार रात करीब 10:42 बजे बादल फटा। इसके बाद झील ने अपना तटबंध तोड़ दिया और तीस्ता नदी की ओर अपना रुख कर लिया। जल्द ही तीस्ता बेसिन के विभिन्न हिस्सों में जल स्तर बढ़ने की सूचना मिली, विशेष रूप से चुंगथांग में खतरनाक स्तर जहां तीस्ता चरण 3 बांध टूट गया था। बांध की सुरंगों में अभी भी करीब 14 मजदूर फंसे हुए हैं। राज्य भर में सामूहिक रूप से, 26 लोग कथित तौर पर घायल हुए हैं और उन्हें अस्पतालों में ले जाया गया है।
तीन हजार के करीब घरेलू और विदेश पर्यटकों के फंसने का अनुमान
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की तीन (3) अतिरिक्त प्लाटून की मांग की है, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। रंगपो और सिंगताम कस्बों में एनडीआरएफ की एक प्लाटून पहले से ही सेवा में है। एनडीआरएफ की ऐसी ही एक आगामी प्लाटून को बचाव कार्यों के लिए हवाई मार्ग से चुंगथांग ले जाया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि वर्तमान में राज्य में 3,000 से अधिक घरेलू और विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं। इसी तरह हवाई संपर्क के लिए मौसम में सुधार होने पर खाद्य और नागरिक आपूर्ति को चुंगथांग ले जाया जाएगा।
सेना बनाएगी बेली ब्रिज
राज्य के अधिकारियों को राज्य में राशन की कमी की आशंका, सिलीगुड़ी से आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए भारतीय सेना और एनएटआईडीसीएल द्वारा बेली ब्रिज बनाए जाएंगे। राज्य के मुख्य सचिव ने बताया यहां तक कि चुंगथांग में पुलिस स्टेशन भी नष्ट हो गया है। बताया गया कि चुंगथांग और अधिकांश उत्तरी सिक्किम में मोबाइल नेटवर्क कनेक्शन बाधित हो गया है, क्योंकि मंगन जिले के संगकलान और तूंग में बाढ़ के कारण फाइबर केबल लाइनें भी नष्ट हो गई हैं।
18 राहत शिविर बनाए गए हैं
राज्य सरकार ने सिंगतम, रंगपो, डिक्चू और आदर्श गांव में 18 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। हालाँकि, बताया गया है कि चुंगथांग के साथ कनेक्टिविटी की कमी के कारण, भारतीय सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों द्वारा वहां राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं।
सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरों से झील फटने की घटना का अध्ययन
इसरो के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरों के सिक्किम में ल्होनक झील के फटने की घटना का अध्ययन किया है। इसरो ने एक बयान में कहा कि सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरों से पता चलता है कि झील फटने के बाद लगभग 105 हेक्टेयर क्षेत्र बह गया है, जिससे निचले इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई होगी। इसरो ने 28 सितंबर 2023 को ली गई तस्वीर का 04 अक्टूबर 2023 की तस्वीर से मिलान किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह उपग्रह डेटा का उपयोग करके आगे भी झील की निगरानी जारी रखेगी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने बाढ़ से लोगों की मौत पर दुख जताया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सिक्किम में ल्होनक झील के फटने के कारण लाचेन घाटी में अचानक आई बाढ़ के कारण हुई तबाही और लोगों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने देर रात एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सिक्किम में बाढ़ से सेना के प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान हुआ और बाढ़ में सेना के जवान लापता हो गए। मैं सभी लापता लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हूं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।